लाल रंग पी.एस.खरे 'आकाश' लाल रंग लाल है, हर रंग से मालामाल है, चुनरी माँ के शीश की, रंग महावर पाँव का लाल है।। है चूड़ी भी लाल माँ की, जीभ सिंह की भी लाल है, चेहरा सुंदर लगे गुलाबी, कंठ पड़े रंग भी फूलों का लाल है।।लाल.. नाचे मदमस्त लांगुर छोरी, भक्ति से सब मालामाल हैं, प्रेम का ऐसा रंग चढ़ा है, सब रंगों पे भारी रंग लाल है।। ढोल मंजीरा बाजे कहीं, कहीं बाजे करताल है, छोटा बड़ा यहाँ कोई नहीं, यहाँ सारे माँ के लाल हैं।।लाल.. दिन चढ़े घंटा बाजे, शाम को होती जयजयकार है, नवरात्रि का ये पर्व अनूठा, कहे सब पर्वों का ये हाल है।। कन्या रुप में देवी आवें, दे आशीष करें मालामाल हैं, माता का जो प्यार मिले, हर भक्त बोले निहाल है।।लाल...