दुर्गाष्ठमी के उपलक्ष में ..............* माँ सिद्धेश्वरी देवी * ....को समर्पित मुक्तक . दरबार में मैया नित उठ तेरे आऊँ सेवा को संसार दिया ... माँ नित ..... दर्शन तेरे पाऊँ . जिस कारज में डारू हाथ आशिष तेरे से ... माँ उसमें ही सुफल हो जाऊँ . में अग्यानी मनुज ... माँ ना कोई जानू मंत्र ही ना ही चढ़ाबे को है , पास मोरे .... मधुपर्क . देवमही नही में ... सिद्धेश्वरी में हूँ .... अंश तेरा ... क्षत्रिय . बस कृपा इतनी कीजो .... माँ " हरप्रीत " दास पे सेवा तोरी ..... पा जाऊँ !! ... .......... दिलीप सिंह हाड़ा " हरप्रीत शशांक " #Nojotonews #Hindikavi #हरप्रीत #Nojotolover #poem #Satya #Nojotoshayri #Nojotokavita #Nojotostory