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हर कोई कैद है अपने-अपने पिजड़े में विचार का पिंजड़

हर कोई कैद है
अपने-अपने पिजड़े में
 विचार का पिंजड़ा,
 सोच का पिंजड़ा
 शिक्षा का पिंजड़ा ,
 पंथ संप्रदाय का पिंजड़ा.
 पिंजड़ा मंडूक है हम सब
 खुद उन्मुक्त होने की जगह,
 दूसरों को भी अपने पिंजड़े में
 फंसा लेना चाहते हैं हम.
 कैद से आकर्षण
 क्या यही है मायाजाल.

©Kamlesh Kandpal
  #pijra