संन्यास का अर्थ होता है; अकेले होने की क्षमता। अकेला होना नहीं, अकेले होने की क्षमता। जहां भी हो, यह स्मरण बना रहे कि "मैं अकेला हूं।' तब बीच-बाजार में तुम संन्यासी हो। गृहस्थ होकर संन्यासी हो। पत्नी है, बच्चे है, दुकान है, बाजार है--तुम संन्यासी हो। इतनी याद बनी रहे कि "मैं अकेला हूं। ©KhaultiSyahi #osho #osho_quote #oshovichar #osho_quotes #happyholi2022 #sanyasi #life #truth #khaultisyahi #holikadahan