White मैं हूं इन्सान तो होने का पता दे जंगल राम जैसे थे मुझे वैसा बना दे जंगल फिर मेरे लोगों ने बनवास दिया है मुझको फिर मुझे घर से बिछड़ने की सज़ा दे जंगल अबके बनवास में सीता हैं न लछमन मेरे साथ जितने इलज़ाम हैं सब मुझपे लगा दे जंगल बेर भी शबरी के जूठे मेंरे हिस्से में नहीं मैं बहोत भूका हूं कुछ मुझको खिला दे जंगल मैं ही रावन भी हूं हनुमान की सेना भी मैं मैं ही घायल हूं मुझे कोई दवा दे जंगल - ©Tarique Usmani #Dussehra