जिस प्रकार एक वृक्ष निरंतर ना जाने कितने वर्षों तक, बिना किसी स्थान पर गये बिना ही अपने फलों के माध्यम से पहुँचाता है स्वाद और विशेषता समस्त लोगो तक , ठीक वैसे ही होता है एक गुरू जो बिना कही गये हुए, अपने शिष्यों के माध्यम से अपने अलौकिक ज्ञान को प्रसार पूरे संसार मे करता है । ©Neeraj Writes गुरूजी❤️ #Teachersday