उजला किरण मचली धूप मिटा अधियारा तारे गए डूब, चमका सूरज जगत संसार। हौसला इतना पंक्षी रूप उड़ रहे फरिंदे बन कूप, सुनहरी सुबह सुनहरा यह रूप देख अलसायी आखें गई खुल, है ,यह जीवन का प्रकाश उठ रहे सभी नर नारी क्षण -क्षण में करता चमत्कार। कह रही यह प्रभात ब्रम्ह हूं मैं ही प्रभात, अखिल जग का तम तोडू इस धरती पर आभा बिखेरू।। ©Sonali Singh प्रभात वर्णन... #worldhindiday