ख्वाहिशों ने धीरे धीरे हसरतों का रूप ले लिया, ज़िन्दगी ने ऐसे रंग दिखाए कि चांद ने भी कड़कती धूप का रूप ले लिया। चाहत तो थी ख्वाहिशों को पूरा करने की, पर मुफलिसी ने लाचारी का रूप ले लिया। अब बंद कर दिया है कुछ भी चाहना, चाहतों ने शायद, लालच का रूप ले लिया है। ©Nritya Gopal You can never be satisfied. #Morningvibes