शीर्षक : सुनो नर, ये नारी।।।।।। तुमने मान कैसे लिया ये अबला है, शाक्तिहीन है, तुम सा मजबुत नही। अरे मूर्ख इनके बीना तुम्हारा कोई वजूद नही। अरे ये तो वो है जिसके वगैर इस धरती का भी वजूद नही, सुनो नर, ये नारी, है इसके बीना तुम्हरा कोई वजूद नहीं ।।(2) अरे इनसे ही तो नई पीढ़ी की शुरूआत है,क्योंकि.. इसके कोख से ही नवजीवन प्रभात है। अरे इसकी कोख से तो जन्म लेकर ईश्वर भी भाग्यवान है, हम तो फिर भी इन्सान है ,सोचो हम कितने भाग्यवान हैं। अरे सुनो नर, ये नारी है, इनसे ही तो तुम्हारी पहचान है ।।(२) -----CONTINUE 📷@rsrajeev_poetry ©Rajeev Pandey #Women #women #ZeroDiscrimination