Nojoto: Largest Storytelling Platform

मैं तुम्हारे प्रेम रूपी स्याही को सीचकर मन रूपी क

मैं तुम्हारे प्रेम रूपी स्याही को सीचकर 
मन रूपी कागज में भावना रूपी कलम से 
शब्दों के भेष में तुम्हारा नाम उकेरती हूँ.. 
तुम अपने पवित्र हृदय रूपी सुंदर झील में 
मेरे मर्मस्पर्शी शब्दों के समवाय में से अर्थ रूपी कमल को
तोडकर अपनी आत्मा रूपी गहरे सागर में प्रवाहित कर देते हो.. 
परंतु मेरी आत्मा तो तुम्हारी आत्मा में ही समाहित है,, 
अत: यह अर्थ रूपी कमल तुम्हारी आत्मा रुपी गहरे सागर से प्रवाहित होते हुए मेरी आत्मा रूपी गहरे सागर में प्रवेश कर जाती है, 
और यही अर्थ ही पुनः प्रेम रूपी स्याही में परिवर्तित हो जाती है, जिसे मैं पुनः कागज रूपी मन में उकेरती चली जाती हूँ.....

©Shilpi #moonu
मैं तुम्हारे प्रेम रूपी स्याही को सीचकर 
मन रूपी कागज में भावना रूपी कलम से 
शब्दों के भेष में तुम्हारा नाम उकेरती हूँ.. 
तुम अपने पवित्र हृदय रूपी सुंदर झील में 
मेरे मर्मस्पर्शी शब्दों के समवाय में से अर्थ रूपी कमल को
तोडकर अपनी आत्मा रूपी गहरे सागर में प्रवाहित कर देते हो.. 
परंतु मेरी आत्मा तो तुम्हारी आत्मा में ही समाहित है,, 
अत: यह अर्थ रूपी कमल तुम्हारी आत्मा रुपी गहरे सागर से प्रवाहित होते हुए मेरी आत्मा रूपी गहरे सागर में प्रवेश कर जाती है, 
और यही अर्थ ही पुनः प्रेम रूपी स्याही में परिवर्तित हो जाती है, जिसे मैं पुनः कागज रूपी मन में उकेरती चली जाती हूँ.....

©Shilpi #moonu
mampisen3925

Shilpi

Bronze Star
New Creator