बड़ा मासूम लगता है बड़ा नादान लगता है पढ़ी गीता कि चौपाई पढ़ी कुरआन लगताहै मनाता ईद और होली गले सबको लगाता है जमानें भर कि नफ़रत से अभी अंजान लगता है