तेरे इश्क के खातिर आग का दरिया भी पार कर जाऊं तेरे जिस्म से नहीं तेरी रूह से मोहब्बत है तेरे खातिर तो मे खुदा से भी लड़ जाए आजकल कहां है ऐसी मोहब्बत