तूम जो छाये थे हर तरफ, हो कर चार-सू । सारी रात बित गई, कर के यूं गूफ़्तगू ।। चाँद ने भी न झांका बादलों की ओट से कितने अच्छे थे न वो, लाखों बुझे-से जूगनू ।। तुम जो छाए थे हर तरफ, हो कर चार-सू ll #yqbaba! #hindi, #harjagah #@yqbaba