तेरे मेरे दरमियाँ , यह कौन सा है अनजाना रिश्ता, जिस पल में मिले तुम, उस पल में ही बह गए हम तुम्हारे अहसासों मे, ना जाने भरी महफ़िल में भी, मेरी नजरें ढूंढे तो सिर्फ तुझे ही, दिल मेरा चाहे तो सिर्फ तुम्हारे पास आने का एक मौका, इत्तेफ़ाक से नजर मिली, दूरी मीट के नजदीक हो गए हम, फिर तो क्या यह दुनिया क्या जहां, क्या यह सुबह शाम और क्या यह रात, दोनों के दिल तो सिर्फ़ ढूंढे एक दूसरे का संगाथ, आंखों को सिर्फ चाहिए तेरी ही झलक, दिल को चाहे तेरे ही गुफ़्तगू , मन को सिर्फ चाहे तेरा ही सुकून, तेरे मेरे दरमियाँ, जो अनजाना रिश्ता जुड़ा, उसे प्यार का नाम देकर, आज जुड़ गए हम, जिंदगी भर के बंधन में। -Nitesh Prajapati ♥️ Challenge-787 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।