जटिल सी संरचना हूं मैं जीवन का उद्गम हूं, रक्त का प्रवाह हूं मैं वेदना का आवास हूं, जी बस मासिक धर्म ही तो हूं मैं... कुमारी का परिर्वतन हूं मैं विवाहिता का वरदान हूं, समाज का ढकोसला हूं मैं नारी की समयवार पीड़ा हूं, जी बस रक्तस्राव ही तो हूं मैं... पुरुषों की अवहेलना हूं मैं कष्ट और स्त्राव की धारा हूं, पूजा पाठ से विरत हूं मैं आडंबरों में फसी हूं, जी बस महावारी ही तो हूं मैं... #ANJANI ©anjalee Mishra #period #periodpain