मैंने चाहा था, खुला हुआ आसमान, वो ऊँची सी उड़ान, पर हौंसले न बढ़ सके, कुछ वजन था भारी, पंख उड़ न सके, थी ऐसी जिम्मेदारी। वक्त निकल गया, आँसूओं की बारिश से, आसमान पिघल गया, निकल गया हाथ से वो लम्हा, जो मैंने चाहा था। एक ख़्वाहिश एक सपना एक लक्ष्य एक ज़िन्दगी #मैंनेचाहा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi