यह "ज़िन्दगी" "ख़ुदा" की "रहमत" है "ज़िन्दगी" की "बेहिसाब" "हसरत" है पाया सब फ़िर भी दिल में "नफ़रत" है और भी पाने की चाहत में "बग़ावत" है रह गई दिल में एक "अधूरी" "चाहत" है सिर्फ़ उसे दिल में आने की "इजाज़त" है दूसरों की खुशी से दिल को "अदावत" है तमाम खुशियाँ पाने की "बौखलाहट" है 👉🏻 प्रतियोगिता- 284 🙂आज की ग़ज़ल प्रतियोगिता के लिए हमारा शब्द है 👉🏻🌹"बेहिसाब हसरतें "🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I