खो गयी है मंजिले, मिट गए है सारे रस्ते, सिर्फ गर्दिशे ही गर्दिशे, अब है मेरे वास्ते. काश उसे चाहने का अरमान न होता, मैं होश में रहते हुए अनजान न होता Javed Akhtar जावेद साहब की सालगिरह के अवसर पर....... आप भी लिखिए जावेद साहब की कोई कृति जो आपको सबसे अच्छी लगती हो। अपनी पोस्ट के Comment Section में Kavishala को Tag करिए 😊 #nojoto #kavishala #birthday