सुनो, इक आख़िरी बार कह दो कि मोहब्बत नहीं थी मुझसे। झुठी थी तेरे चेहरे की वो लाली, जो मुझको देख कर आती थी। झुठी थी तेरी वो मदहोशी, जो मेरे अरमान जगाती थी। झुठ था वो तेरा शर्माना और अपनी पलकों को झुका लेना। झुठी थी वो गर्मी भी, जो तेरे साँसों से आती थी। बहुत आसानी से तुमने बोल दिया, कि कभी चाहा ही नहीं मुझको? फिर रात गये मुझको क्यों, अपने छत पर बुलाती थीं? क्या कोई ऐसा भी दिन था कि जब तुमको, उल्फ़त नहीं थी मुझसे? सुनो, इक आख़िरी बार कह दो कि मोहब्बत नहीं थी मुझसे। ईजाज़ अहमद "पागल" #ejaz #pagal #YQbaba #YQdidi #shayari #YQghalib #hindi #Italy #mypics #breakup