Nojoto: Largest Storytelling Platform

लगा दो आग की हो रौशन शहर, क्या हों ये मकां जब कोई

लगा दो आग की हो रौशन शहर, 
क्या हों ये मकां जब कोई दिया नहीं ।
छोड़ो भी यह अस्थि पंजर खंडहर घर, 
कितने बरस हो इंतज़ार,जब कोई दिया नहीं ।

©AshuAkela
  #me लगा दो आग की हो रौशन शहर, 
क्या हों ये मकां जब कोई दिया नहीं ।
छोड़ो भी यह अस्थि पंजर खंडहर घर, 
कितने बरस हो इंतज़ार,जब कोई दिया नहीं ।#shahar #Aag #roshan #dard #Diya #Di #Dilbar
ashuakela5416

AshuAkela

New Creator

#me लगा दो आग की हो रौशन शहर, क्या हों ये मकां जब कोई दिया नहीं । छोड़ो भी यह अस्थि पंजर खंडहर घर, कितने बरस हो इंतज़ार,जब कोई दिया नहीं ।#shahar #Aag #roshan #Dard #Diya #Di #Dilbar #शायरी

414 Views