बेहतर से बेहतरीन बनाने के लिए दुनियां को रंगीन बनाने के लिए कुछ जो गमगीन थे उनको हसाने के लिए रोगों से निजात पाने के लिए ना जाने कितने साइंटिस्ट लगे रहे इंसानियत की जात बचाने के लिए कभी आसमां में उड़ता इंसान कभी समुंदर के अंदर फड़फड़ा रहा है आज अपनी ही जमीं पर सभ्यता हमेशा विकास करती है और कुछ देशों की सभ्यता ने इतना विकास कर लिया की आज इंसानियत का विनाश हो रहा है सच है कि हर इंसान इंसान के काम नहीं आता और पैसा रुतबा हर जगह काम नहीं आता बड़े बड़े परमाणु को बनाने वाले आज मुंह बंद कर के बैठे है क्यूंकि शरीर में घुसने वाले परमाणु काबू से बाहर है सोचो कभी की कहा है हम,और कहा जा रहे किसी की गलती की सजा ,हम पा रहे कभी सोचा है अपने को जोखिम में डाल कर कितने इलाज कर रहे नमन है उनको जो इंसानियत की परवाह कर रहे अरे संभल जाओ अब भी ,कुछ मान लो कहना रहम करो ,रुक जाओ जहा हो ,खुद के साथ दूसरो को बचा लो सरकार की दी गई गाइडलाइन अपना लो रहम करो इंसानियत को बचा लो आखिर इंसान तुम भी तो हो,,,,, #International_Ask_A_Question_Day#indianiconomy#indian#humanity#nojoto#nojotohindi#AandQ