हर तरफ़ धुंध सी छाई हुई है धुंध दिल रूपी वादी में है पर नमी आंखों में आई हुई है प्यार के खुले आसमां को हर तरफ ढूंढ रही हूं मैं पर कमबख्त दुख की बरसात भी दस्तक लगाई हुई है -विनिता Mirror of words✍✍✍ brsaat