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ख्वाहिश-ए-दिल में ज्यादा अरमाँ नहीं बस तू मिले बिन

ख्वाहिश-ए-दिल में ज्यादा अरमाँ नहीं
बस तू मिले बिना तेरे कुछ भाता नहीं
नाम चढ़ा हुआ है तस्सवुर (कल्पना) में तेरा
उसको पढ़ने के सिवा कुछ आता नहीं
कौन अपना है इस जमाने में मेरा
मुझे तेरे सिवा कुछ नज़र आता नहीं। #truelove #whycensored #love #balaghat  Lucky Pawar
ख्वाहिश-ए-दिल में ज्यादा अरमाँ नहीं
बस तू मिले बिना तेरे कुछ भाता नहीं
नाम चढ़ा हुआ है तस्सवुर (कल्पना) में तेरा
उसको पढ़ने के सिवा कुछ आता नहीं
कौन अपना है इस जमाने में मेरा
मुझे तेरे सिवा कुछ नज़र आता नहीं। #truelove #whycensored #love #balaghat  Lucky Pawar