Nojoto: Largest Storytelling Platform

ये दिल है खिलौना बनाते ही क्यों जो समझे न दिल को ल

ये दिल है खिलौना बनाते ही क्यों
जो समझे न दिल को लगाते ही क्यों
ये दिल है.....
बड़े मुश्किलों से हुआ अंकुरित जो
तो आंखों से आंखें चुराते ही क्यों
ये दिल है......
समझ को समझकर समझते नही
अश्क कांटा चुभाकर बहाते ही क्यों
ये दिल है......
धैर्य रखो जो तेरा है मिलेगा तुझे
जो अपना नही उसे बनाते ही क्यों
ये दिल है......
अंकुश लगाने पे रुक जाता हाथी
"सूर्य"ढलने लगा तो लजाते ही क्यों
ये दिल है......

©R K Mishra " सूर्य "
  #ये दिल है

#ये दिल है #कविता

692 Views