( अब ) अपनी एक झलक के लिए भी अब तरसाने लगे हैं , अजी मुलाकात हुए भी अब बीतने जमाने लगे हैं ,, जिन्होंने कभी नजरों से दिल चुराया था मेरा , आजकल वो हमसे अब नजरें भी चुराने लगे हैं ,, गैरों के लिए तो उनके पास फुरसत है बहुत , मगर हमें खुद को वो अब व्यस्त दिखाने लगे हैं ,, हमें तो उन्होंने मस्त से बना मलंग दिया , और खुद को वो शरीफ अब बताने लगे हैं ,, अब #अब #mast_malang #yourquote