चलो बिछड़ जाना किसी मोड पर यूँ ही नज़र न आना फिर किसी मोड़ पर यूँ ही, तेरा हँसना, रोना, जागना,तेरा सोना ओर मुस्कुराना तेरी हर अदा को, मैं भी भूल जाऊँगा यूँ ही, तू जो कह रही है न मिलूँ कभी,ना दिखाऊ मैं मेरा मुँह कभी तेरी हर ख़ता मंज़ूर है,तेरी हर सज़ा मंज़ूर है, तू जो चाहेगी मेरा अक्स क्या,मेरी रूह क्या,मेरा जिस्म क्या में नज़र में भी ना नज़र करूँ, तेरी याद को,तेरे साथ को, फरियाद को,हर बात को मैं भी ख़त्म कर दूँगा यूँ ही। #YuHee#Muhabbat#NojotoHindi#Shayri#MyPoetry#Poetry#Ghazal#Shayri#Life#Dhoka