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जहर पीने का था मेरा मन कर रहा आई ना मौत फिर भी था

जहर पीने का था मेरा मन कर रहा
आई ना मौत फिर भी था मरने को मेरा मन कर रहा
मगर जब से है मैंने देखा तुझे
अब संग तेरे ही जीने का मरने का मन कर रहा है
पायल पहनी है तू दो पांव में अपने मगर
कानों में मेरे छन छन छन छन बज रहा है
कानों में मेरे छन छन छन छन बज रहा है
करके सोलह श्रृंगार तू कहर ढा रहा है
ये जमाने की नजर तुझसे हटती नहीं है
बिना देखे तुझको इक पल भी कटती नहीं है
तुझे जी भर प्यार करने को मन कर रहा है
तुझे पाने की चाहत है सबमें मगर
कोई देख तुझे आहें भर रहा है 
हुश्न की है tu ऐसी बला न हुई थी कोई न होगी कोई
 कोई देखते ही तुझको है मर जा रहा
बिना देखे तुझे ना कोई apne घर जा रहा है
तेरे इश्क में मैं bas चूर चूर हो रहा हूँ
तुझसे मिलने को मजबूर हो रहा हूँ

©सुशांत राजभर
  #proposeday 

पायल पहनी है तू दो पांव में अपने मगर
कानों में मेरे छन छन छन छन बज रहा है

#proposeday पायल पहनी है तू दो पांव में अपने मगर कानों में मेरे छन छन छन छन बज रहा है #Love

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