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3) रिमझिम :-कहानी "आया सावन झूम कर" 🌧️🌧️

3) रिमझिम :-कहानी
"आया सावन झूम कर" 🌧️🌧️           कृष्णा और दिया एक दूसरे को बहुत प्यार करते थे, इन दोनों के प्रेम को कुछ वक़्त बीत चुका था पर लगता था प्यार इनका सदियों से चला आ रहा है। पहली मुलाक़ात के बाद उनकी मुलाकात नहीं हो पाई थी, बहुत समय गूजर चुका था। सावन का महीना चल रहा था। 
          एक दिन कृष्णा के पास फोन आया, उधर से दिया कि आवाज आई की मैं आने वाली हूँ कल! जयपुर तुमसे मिलने । यह सुनकर कृष्णा झूम उठा, उसने फोन रखा और गाना गुनगुना उठा..... 

"आया सावन झूम कर, के आया सावन झूम कर.....

          आज दोनों मिलने वाले थे, सुबह से ही कृष्णा घर से निकल गया। बस पकड़ी और पहुँच गया गंतव्य पर, एक गुलाब खरीदा और एक चॉकलेट। दिया ट्रेन से आने वाली थी, सीधा स्टेशन पहुँच कर इंतजार करने लगा। थोड़ी देर मेें बारिश शुरू हो गई, आज बारिश बहुत तेज थी लग रहा था जैसे दोनों के मिलन से वो भी खुश थी। कृष्णा की नजर बस ट्रेन का ही इंतज़ार कर रही थी। 

          ट्रेन आगयीं, कृष्णा की नज़रे सिर्फ़ दिया को ही खोज रही थी। बारिश में भीगता हुआ ट्रेन के पास पहुँचा और ढूँढने लगा।  कुछ देर मेें दिया दिखाई दी, वो फुर्ती से उसके पास गया। दोनों ज्यादा कुछ नहीं बोल पाए, बस एक दूसरे को देखने लगे एकटक। दिया ट्रेन से उतरी, समान रखा और कृष्णा से लिपट गयी। दोनों  बारिश से तरबतर और साथ ही प्रेम से। पाँच मिनट तक दोनों लिपटे रहें। वर्षों से बिछड़ कर जैसे दो प्रेमी आज मिले हो।
3) रिमझिम :-कहानी
"आया सावन झूम कर" 🌧️🌧️           कृष्णा और दिया एक दूसरे को बहुत प्यार करते थे, इन दोनों के प्रेम को कुछ वक़्त बीत चुका था पर लगता था प्यार इनका सदियों से चला आ रहा है। पहली मुलाक़ात के बाद उनकी मुलाकात नहीं हो पाई थी, बहुत समय गूजर चुका था। सावन का महीना चल रहा था। 
          एक दिन कृष्णा के पास फोन आया, उधर से दिया कि आवाज आई की मैं आने वाली हूँ कल! जयपुर तुमसे मिलने । यह सुनकर कृष्णा झूम उठा, उसने फोन रखा और गाना गुनगुना उठा..... 

"आया सावन झूम कर, के आया सावन झूम कर.....

          आज दोनों मिलने वाले थे, सुबह से ही कृष्णा घर से निकल गया। बस पकड़ी और पहुँच गया गंतव्य पर, एक गुलाब खरीदा और एक चॉकलेट। दिया ट्रेन से आने वाली थी, सीधा स्टेशन पहुँच कर इंतजार करने लगा। थोड़ी देर मेें बारिश शुरू हो गई, आज बारिश बहुत तेज थी लग रहा था जैसे दोनों के मिलन से वो भी खुश थी। कृष्णा की नजर बस ट्रेन का ही इंतज़ार कर रही थी। 

          ट्रेन आगयीं, कृष्णा की नज़रे सिर्फ़ दिया को ही खोज रही थी। बारिश में भीगता हुआ ट्रेन के पास पहुँचा और ढूँढने लगा।  कुछ देर मेें दिया दिखाई दी, वो फुर्ती से उसके पास गया। दोनों ज्यादा कुछ नहीं बोल पाए, बस एक दूसरे को देखने लगे एकटक। दिया ट्रेन से उतरी, समान रखा और कृष्णा से लिपट गयी। दोनों  बारिश से तरबतर और साथ ही प्रेम से। पाँच मिनट तक दोनों लिपटे रहें। वर्षों से बिछड़ कर जैसे दो प्रेमी आज मिले हो।
krishvj9297

Krish Vj

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