कुछ सितारें हैं आसमां में, कुछ जमीं पर हैं बसतें ! कुछ चमकते वहाँ हैं, कुछ यहाँ पर हैं चमकते !! फर्क दोनों में बस इतना है यारों ! कुछ हैं बने बनाये, कुछ अपनी मेहनत से हैं बनते !!!! #मेहनत #परीक्षित सिंह