लिखूं तो क्या लिखूं तेरे बारे में, जितना लिखूं सब कम ही कम हैं । सोचूं तो क्या सोचूं तेरे बारें में, जितना सोचूं सब कम ही कम है । मेरे दिल मे हरदम शामिल है, तेरी सोच मे ही इतना गम है, लिखूं तो क्या लिखूं..... सोच,,,,