एक ठगी हुई स्त्री से पूछिए कैसा लगता हैं या एक सच्चे इन्सान से पूछिए की ठगा जाने के बाद कैसा लगता है ? उस स्त्री से पूछिए जिसे बचपन से स्त्री होने के कारण, सिर्फ ठगा गया, नीचा, या पीछा दिखाया गया , आगे नहीं बढ़ने दिया गया , उसे कमजोरी से पूछिए जिसने परिवार में व्यमनस्यता को जन्म दिया , उससे पूछिए जिसने भेदभाव उत्पन्न किया , उससे पूछिए जिसने घृणा और नफरत पैदा की , यह नकलीपन, या यह नकलीपने से भरा नाटकीय संसार, गिरती हुई मानवता से पूछिए की डर क्या होता हैं गिरते हुए संस्कारों से पूछिए की इंसानियत और भारतीयता क्या होती है ? बातें केवल बड़ी है पढ़ने लिखने में सुंदर पर परत दर परत अंदर जब उतरेंगे ना , सत्य इसका भी अच्छा नहीं लगेगा ... #neerajwrites परत दर परत