नए लोगों से मिलने लगे हम, मगर वास्ता पुरानों से तोड़ा नहीं । अरसे पहले जो भूल चुके हमें, दिल मेरा उन्हें क़भी *भुला* नहीं । कभी प्यार तो कभी तक़रार, मौसम रिश्तों का एक रहा नही । वक्त लगता है बदलने में *सबको* , पल में दिन, रात में बदलता नही । लगता है भर गया था मन उसका, वरना बेवज़ह कोई दूर *होता* नही । निभाया है उसने जो *रिश्ता अधूरा*, दुश्मन भी *इस क़दर* निभाता नही । क्यूँ आ रही है, हिचकियां मुझें याद मुझें तो कोई भी करता नही । #waabastaa_laphza