#NationalYouthDay बाजुओं में दम कभी ! न , कुछ खोने का ; गम रहा फिर भी , बाजुओं में ; हमारे दम रहा उबल रहा , नसों का ; खून अब भी जोश बनके हमारा हौसला , कभी भी ; न किसी से कम रहा कवि अजय जयहरि कीर्तिप्रद बाजुओं में दम.....कीर्तिप्रद