मैं शर्मिंदा हूं मैं यहां खुश हूं मां तुम क्यों नीर बहाती हो, मेरी धड़कने अब शांत है तुम क्यों इतना चिल्लाती हो, हा था मेरा ताप बढ़ा हुआ पर अब ठंडक है, तुम्हारा ही लाल बनूं अगली बार बस यही मन्नत है, की अब तुम्हारी उंगली छूट गई है पर दामन में अब भी हूं, तुम्हारी ममता के कर्जे में डूबा मैं आज भी हूं। मां अब तो तुम्हारी तस्वीर भी धुंधली होती जा रही है, ये कैसी डोर है मेरे गले में को बस खींचती ही जा रही है, तुम जरा सा उनको अपना ममता वाला रौब दिखा दो, डर के भाग जाए मौत अपना रौद्र रूप दर्शा दो, की थमती सासों पर हर वक़्त नाम तुम्हारा लेता हूं, की उठा लो मुझे मैं बस कब्र में सोता हूं। पापा तो मेरे सर्व शक्तिमान है उनसे भी गुहार लगवाओ, वो छुप के रोते है मेरे जाने के बाद उनको भी चुप कराओ, मैं तो भगवान के घर में हूं मुझे मदिर से करीब देखो, मेरे हक में दुआ मांगते हुए दिया जलाए रखो, की मैं अब मिट्टी में मिल गया पर यादों में तो जिंदा हूं, तुम्हारा सहारा ना बन पाया मां इस जनम में शर्मिंदा हूं। मैं शर्मिंदा #yqdidi #yqbaba #yqbhaskar #yqshameful