मेरे घर की तन्हाईयाँ मुझसे अकेले में बतियाती रहती हैं ; सुबह हो या दोपहर हो या हो रात वो तो बस एक तुम्हारी ही बात बतियाती रहतीं हैं ! #मेरे #घर #की #तन्हाईंयां