गर मेरा दिल कुछ बोल पाता तो मेरी धड़कने कुछ ये कह जाती ! लाख मुश्किलें ही क्यूँ ना हो मंज़िल को पाने में ! कोई कसर मत छोड़ना अपने आप को आज़माने में ! कुछ भी क्यूँ ना हो , तुम तुम जैसे ही रहना ! हालातों से हारकर कभी अपनी मुस्कान मत खोना ! खुशियाँ तो तुम्हारा राह तक रही है ! चलते रहो मुसाफिर ! अब मंज़िल दूर नहीं है ! #curly_poet_uljhan ©Jyotshna2000 #dryleaf