इन रंगीन चेहरो पे तो अब रंग नहीं चढ़ने के, नये लोग है इन पर प्यार के रंग नही चढ़ने के, दफ़्तर-दफ़्तर बस यही रह गयी है ज़िंदगी कि, अब इन लोगो पर त्यौहार के रंग नही चढ़ने के, वो लिपट के आया है रंगों मे मेरी जां सराबोर, उस पर यकीनन मेरे इश्क के रंग नहीं चढने के, जैसे-जैसे बीता दिन रही कमरे मे ही मैं 'सांझ', दूर है अपने तो अब गैर के रंग नहीं चढ़ने के । #NojotoQuote रंग।। #nojotowriters #nojoto #quites #life #love #liners #holi