बजुद हूं मै तुम्हारी जिसे तुम बड़ी ही निरदयतापूर्वक तोड़ते हो, जिसने तुम्हे पाला, वो बहन जिसने कलाइयों पे बांधी थी राखी और लिया था बचन अपने रक्षा का, तुम भुल कैसे गए उसका भी तो परिवार था, उसकी भी कुछ सपने थे क्यों तोड़ दिया तुने एक झटके में उस सम्मान को, अरे क्या बिगाड़ा था उसने तेरा वो भी बहन थी किसी भाई की, सोचो क्या बीती होगी उस पिता पे जिसने देखे थे सपने उसके बिदाई की, उस पिता को क्या मालुम था ऐसे बिदा करना पड़ेगा अपने उस ख्वाब को, रो रो के क्या हाल हुआ होगा उस बेचारी मां का जिसने पाला था उसे नौ महीने अपने पेट में, अरे निर्लज तेरी भी तो बहन और मां थी कुछ तो शर्म किया होता अपने परिवार का, शर्मसार हो गई वो धरती तेरे कत्लेआम से अरे उम्हे क्या फर्क पड़ता है जालिम मेरी बदनसीबी से , डूब मरो चुल्लू भर पानी में, याद रखना एक दिन उठेगा तुफान और ले डबुंगी तेरे जैसे हर उस इंसान को, इसी आस में हूं जिंदा कभी तो समाज जागेगा तोड़ के हर उस बंधन को आजाद हमे वो करवाएगा। You like pls share #savegirlchild #safetyforgirls #trending #yourquote