जबसे मिलीं हैं नज़रें नींद आँखों में नहीं है, दिल चैन कहीं पाता नहीं, शमा कोई जंचती नहीं, माहौल कोई भाता नहीं, शर्माती हुई नज़रों से तेरी जबसे मिली हैं ये नज़रें, पलकों में बसे हो तुम, नज़र कुछ और आता नहीं.! IG :— @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla जबसे मिलीं हैं नज़रें.! . ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© . Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength .