वो समय कितना सुंदर था जब वादों में बंधकर भगवान भी धरती पर आते हैं वादा मित्रता का हो, प्रेम का हो या रक्षा का पर ईश्वर स्वयं सोच समझ कर वादे करते थे और आज हम हमारी प्राचीन सभ्यता और संस्कृति का मजाक उडा़ते वादे तोड़ने के लिए बनाते हैं निभा नहीं पाते...ये मेरी व्यक्तिगत बात नहीं बल्कि सच है अक्सर हम आप या कोई भी वादे कर भूल जाते हैं।
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