मेरा हाल-ए-दिल दो लफ्ज़ो में बया हो जाए ये मुमकीन नही। एक शख्श है। जिसे हम चाहते है एक शख्श है। जो हमे चाहता है ये दोनों एक हो जाए ,ये मुमकीन नही काफ़ीरो के शहर में है। घर मेरा अचानक हम किसी के ख़ुदा हो जाये ये मुमकीन नही।। ©Aaditya. #possibilities