कभी नाचते कटोरे को देखा है, वो गाता भी है, अल्हड़, मस्त किसी बंजारे सा, कटोरे की इस नाच की खासियत होती है, या तो वो किसी गुस्से की जद में आया होता है या फिर किसी गलती का नतीजा, यूँ खुश हो, बेधड़क जमीन पे ठुमके लगाना, उसकी नियति नही, नियति तो, उदासी है, किसी कोने में पड़े हो, बाकी बर्तनों पे लिखे सन्नाटे को पढ़ना, ये उसकी नियति है खाली होना उसका उद्देश्य है, खाली रहना स्वभाव, जरूरत पे भरा जाता है, और जो पूरी हुई तो, फिर खाली, ये जो चार साल की मुठ्ठी भर लम्हे है जमीन पर पटक दिए जाने के बाद, जब वो नाचता है, अपनी ही धुरी पर, कभी कमरे का चक्कर भी लगा आता है, बिना किसी तय कक्षा के, इन्ही लम्हो में कटोरा, कटोरा होता है, मलंग कटोरा, जीता है जब वो खुल कर...!! सन्नाटे पढ़ रहा हूँ, पटक दिए जाने के इंतजार में.. #yqdidi #yopowrimo #yqbaba #मलंग #कटोरा