होता अँधेरा तो आती थी रौशनी आना ही उसका गज़ब का श़मा था कहता न था वो ज़रा भी लबों से आँखों की हरक़त से सब कुछ बयां था था उसका ही जादू , उसी की थी माया अब वो रंगीन फ़ज़ा कहीं और बनाती है हवाएं बदल गयी हैं , आवाज़े उधर जाती हैं इधर तो बस , चिल्लाहट ही आती है ©Shayar mayank #chillahat वो मेरा मित्र follow IG- @mayanks302