नन्हें नन्हें कदम लेकर आई वो जब इस दुनिया में,
सोचा होगा उसने कि देख उसे सब खुश होंगे,
पर ऐसा ना था कुछ खुश थे, कुछ नाटक कर रहे थे,
फिर भी उसके मासूम चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान थी ।
क्या कसूर है उसका जो उसके जन्म लेते ही कुछ के जज़्बात बदल गए,
इसलिए कि वो बेटी है जिसके कारण कुछ के अंदाज ही बदल गए ।
ये कैसा समाज है जो इतना भेद भाव करता है,
बेटा होने पर बधाइयां बेटी पर ताने कसता है । #Trending#poem#कविता#NationalGirlChildDay#राष्ट्रीय_बालिका_दिवस