हँसी तन्हाई की...! जिस्मानी इलाज तो करा लेगा नाज़िम, पर दिल का क्या । हँसते तो सभी है काफिलों का साथ पा के, पर अकेले में क्या । ज़िन्दगी तो काट ही रही है, पर मुकमल कहाँ है। इरादे मज़बूत करेगे हमभी अब हौसलों की उड़न से। अंधेरा जो छाया है किस्मत में उसे मेहनत के चिरागों से दूर करना है जिस्मानी इलाज छोड़ कर अब दिल पर मरहम रखना है तसव्वुर में बहुत जी लिया नाज़िम हँसकर अब एक बार खुलकर अपनी तन्हाई पर हँसना है । हँसी तन्हाई की...! #जिस्मानी इलाज तो करा लेगा नाज़िम, पर दिल का क्या । हँसते तो सभी है #काफिलों का साथ पा के, पर अकेले में क्या । #ज़िन्दगी तो काट ही रही है, पर #मुकमल कहाँ है। इरादे मज़बूत करेगे हमभी