ये दुनियाँ उपरवाले की बिसात है, महज कुछ बरस जी सके... इंसान की बस इतनी औकात है। किसी को डराके जिए तो क्या जिए, गले लगाकर के देखो तुम... उस अंदाज में जीना खास बात है। 'और' के पीछे कैसी भागमभाग है, थोड़े में भी गुजर होती है... क्यों, किसलिए फिक्र दिन-रात है। जिन्हें गुमान था अपनी दौलत पर, वो यहीं छोड़ के चले गए... उपरवाले की अजब करामात है। ©Diwan G #बिसात #औकात #करामात #दिन_रात #महज #माहर_हिंदीशायर