#OpenPoetry कितनी शिद्दत चाहा था उसे एक मुद्दत से, इजहार नही किया था बस इनकार के डर से । जब पूछा मजाक में कुबूल इश्क मेरा करोगी क्या, उसने नकार दिया उसे भी अपने दिल से । #इजहार #इनकार #अधूरा_ईश्क #दिल #स्वप्नमयी