खुशियों का महल मेरे नसीब कहाँ मैंने तो हर कदम गम को गले लगाया है कभी तन्हाई में काटी है रातें कभी आँसुओं को पलकों पर सजाया है मुझे रोता हुआ देखकर बस माँ रोती है मेरी तरक्की, मेरी खुशियों की हर पल परियाद करती है माँ है फरिश्ता यारों जो हर मुश्किल आसान करती है। #YQBaba #Kumaarsthought #YQDidi #हिंदी #hindi #poem #poem #YQPoem #etheree #maa #माँ #palkon Initiated by Ranjeeta Nath Ghai Ma'am Nominated by Devya Piscess.. Thanks for Nominating me. माँ पर कुछ मेरी कलम से Further Nominating अनुभव बाजपेयी चश्म Afroj Alam Heena Kewlani Anshii Rai Raj Shekhar Kumar