Nojoto: Largest Storytelling Platform

मुलाक़ात का वो आलम याद आता है पल पल दिल के तार बजने

मुलाक़ात का वो आलम
याद आता है पल पल
दिल के तार बजने लगे थे
मन में हुई थी हलचल
नीली नीली आँखे उसकी
काया जैसे हो मलमल
हिरनी जैसी चाल थी उसकी
सौख अदाएं चंचल
चाँद से मुखड़े को चार चाँद लगाये
काली लटाएं उड़ उड़ के
एक ही नज़र में घायल हो गये
देखा जब उसने मुड़ मुड़ के

©HONEY ROMANCE देखा जब देखा उसने मुड़ के
मुलाक़ात का वो आलम
याद आता है पल पल
दिल के तार बजने लगे थे
मन में हुई थी हलचल
नीली नीली आँखे उसकी
काया जैसे हो मलमल
हिरनी जैसी चाल थी उसकी
सौख अदाएं चंचल
चाँद से मुखड़े को चार चाँद लगाये
काली लटाएं उड़ उड़ के
एक ही नज़र में घायल हो गये
देखा जब उसने मुड़ मुड़ के

©HONEY ROMANCE देखा जब देखा उसने मुड़ के