हर तरफ " ईर्ष्या " की धूप है कहीं भी " संतोष " की छाँव नही देखी, झूठे झगड़े में मरते देखा है लोगो को मैंने , मगर शमशान में मैंने किसी की जायदाद नही देखी ©निःशब्द अमित शर्मा #अटलसत्य